व्यापक प्रचार-प्रसार कर बीमांकन कराने के निर्देश
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2020-21 की बीमांकन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2020 तक होगी। संभागीय संयुक्त संचालक कृषि श्री बीएल बिलैया ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे तत्काल निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किसानों को बीमित कराएं।
श्री बिलैया ने बताया कि ऋणी कृषक से प्रीमियम संबंधित बैंक के द्वारा काटा जाकर, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल पर संबंधित कृषक की जानकारी अपलोड की जा सकेगी तथा कृषक अंश का भुगतान चयनित बीमा कंपनी को दिया जा सकेगा। अऋणी कृषक की श्रेणी हेतु, संबंधित कृषक के द्वारा किसी भी राष्ट्रीयकृत अथवा सहकारी बैंक में जाकर आवश्यक औपचारिकताएं जैसे आधार कार्ड की प्रति, जमीन संबंधी दस्तावेज, बौआई का प्रमाण-पत्र इत्यादि पूर्ण करने के उपरांत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का निर्धारित प्रीमियम जमा कर योजना का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। उपरोक्त के अतिरिक्त क्षेत्र की बीमा कंपनी में कियोस्क के माध्यम से भी कृषक योजना में पंजीयन करा सकेंगे।
उन्होंने कहा है कि यह देखा गया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से बीमित रकवे की फसल तथा राजस्व विभाग की गिरदावरी रिपोर्ट में उस क्षेत्र के रकवे की फसल में भिन्नता रहती है उक्त स्थिति में भारत सरकार की योजना की मार्गदर्शी निर्देशिका के अनुसार उस क्षेत्र के समस्त कृषकों की बीमित राशि पर एरिया कनेक्शन फेक्टर के लागू होने की संभावना रहती है। जिससे कृषकों की दावा राशि प्रभावित होती है। इसलिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि राजस्व विभाग के आंकड़े तथा फसल बीमा योजना के तहत बीमित क्षेत्र के आंकड़ों में भिन्नता ना हो।
श्री बिलैया ने निर्देश दिए है कि उपरोक्त प्रक्रिया, चूकि अल्प समय में क्रियांवित की जानी है इसलिए ग्रामीण स्तर पर प्रचार-प्रसार हेतु अंर्तविभागीय दल गठित कर कार्यवाही कर व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। प्रक्रिया का स्थानीय मीडिया के माध्यम से आवश्यक प्रचार-प्रसार की कार्यवाही करें तथा जिला एवं ब्लॉक स्तर पर बैंकर्स कॉर्डिनेशन कमेटी डीएलसीसी एवं बीएलसीसी की बैठक आयोजित कर बैंकर्स से इस संबंध में आवश्यक सहयोग प्रदान करने हेतु समन्वय किया जाए।