पशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना में स्वीकृत 1004 गौ-शाला में से 963 का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इनमें से 905 गौ-शाला का संचालन प्रारंभ कर 71 हजार 27 निराश्रित गायों को आश्रय दिया गया है। गौ-शालाओं में निराश्रित बीमार और वृद्ध गायों को समय से चारा-पानी और उपचार मिलने से इनकी हालत बेहतर हुई है। दूसरी ओर गौ-शाला में रहने से सड़क पर बैठने वाले गायों के झुण्ड में भी उल्लेखनीय कमी आई है। इससे गायों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगा है।
नई 2409 गौ-शाला निर्माण कार्यों की स्वीकृति
मंत्री श्री पटेल ने बताया कि वर्ष 2020-21 में भी प्रदेश में 2409 गौ-शालाओं के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। इनमें से 1808 गौ-शालाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है और 11 निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। स्वीकृत गौ-शालाओं में से 44 गौ-शालाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसके अलावा नई स्वीकृत गौ-शालाओं में 961 का नींव स्तर, 529 का दीवाल स्तर और 356 का छत स्तर तक का काम पूरा हो गया है।
गौ-शाला स्वावलम्बन
श्री पटेल ने बताया कि गौ-शाला संचालकों को स्वावलम्बन प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षित किया जा रहा है। गोबर-गौ-मूत्र से कृषि उपयोगी उत्पाद, दैनिक उपयोग की सामाग्री आदि का निर्माण किया जा रहा है। शासकीय विभागों द्वारा फिनाइल के स्थान पर गौ-फिनाइल के उपयोग के आदेश दिये गये हैं। गौ-उत्पाद साँची के आउटलेट पर भी ग्राहकों के लिये उपलब्ध हैं।