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ज्ञान के नए आयाम-नॉलेज फेस्ट में वक्ताओं के विचार

  स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में नॉलेज फेस्ट का रविवार  को उद्घाटन करते हुए प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने कहा है कि कोरोना ने हमे फिर पुस्तकों की ओर मोड़ा है और इससे ज्ञान के नए द्वार खुले हैं।


     नॉलेज फेस्ट के पहले संस्करण का उद्धघाटन  श्रीमती रश्मि अरुण शमी , प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा  एवं  श्रीमती जयश्री कियावत आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय  द्वारा किया गया। 

आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा कोविड के दौरान उत्पन्न हुई चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए बताया कि कैसे शिक्षा के क्षेत्र में एक तरह की क्रांति आ गई है और कैसे तकनीकी के माध्यम से शिक्षा को शिक्षकों तक और और फिर छात्रों तक पहुँचाया गया। उन्होंने यह भी बताया कि इसके कोविड् के दौरान हुई मनोवैज्ञानिक समस्याओ के निवारण के लिए प्राचार्य और शिक्षकों को विशेष तौर पर तैयार कराया गया।

     प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने कहा कि नॉलेज फेस्ट के आयोजन से पुस्तकालयों को दोबारा प्री-कोविड के स्तर पर संचालित करने की हमे प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन में किताबों से दोबारा रूबरू होने का बहुत लोगों को समय मिला। उन्होंने स्टॉप वरिंग एंड स्टार्ट लिविंग किताब का ज़िक्र करते हुए कहा कि अब हमे भी इसे मंत्र की तरह अपनाना चाहिए। इसके बाद पहले सेशन की शुरुआत हुई जिसका विषय था "गुड गवर्नेंस एंड सर्विस डिलीवरी इन कोविद पीरियड" जिसमे श्री सुधीर कोच्चर, श्रीमती सपना लोवंशी, श्री भूपेंद्र परस्ते ने अपने- अपने विचार साझा किये। 

    श्री कोच्चर ने अपने विचार रखते हुए सुशासन को परिभाषित किया और उसके महत्व पर अपने विचार रखे। श्रीमती सपना लोवंशी ने कोविद के दौरान डायरेक्टरेट ऑफ़ हेल्थ में रहते हुए कोविद के दौरान सामने आई चुनौतियों और उनके निवारण से संबंधित अनुभवों को साझा किया। श्री भूपेंद्र परस्ते ने सी.एम. हेल्पलाइन से संबंधित जानकारी और कोविद के चलते आम लोगो को हुई समस्याओं का ज़िक्र करते हुए बताया कि कैसे समस्याओं को रिपोर्ट किया जाता है और कैसे हर स्तर पर समस्या का निवारण किया जाता है और खास तौर पर आज जब कोविद के कारण लोग मनोवैज्ञानिक तौर पर भी परेशान है उनके पास सामान्य से हटकर भी समस्याओं की सामना करना पड़ता है।  दूसरे सेशन का विषय था "साइकोलॉजिकल इफ़ेक्ट एंड ट्रामा दूरिंग कोविद " | इस विषय पर डॉ.आर एन साहू ने कोविद के चलते लोगो में आ रहे मनोश्चिकित्सा से संबंधित समस्याओं के बारे में अवगत कराया। डॉ.विनय मिश्रा ने कोविद के दौरान मनोवैज्ञानिक समस्याओं से अवगत कराया और डॉ.उषा खरे ने विशेषकर बच्चों में कोरोना के दौरान स्कूल न जाने  के कारण बच्चों में आई मनोविज्ञानी समस्याओं का ज़िक्र किया और उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने अपने स्कूल की बच्चियों को इस चुनौती का सामना कर कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित किया। 
    तीसरे सेशन का विषय था "ए केस इन फेवर ऑफ़ राइट तो एक्सेस ऑफ़ लाइब्रेरी सर्विसेज"। इस विषय में वक्ता के तौर पर श्री संदीप पाठक, श्री गुरबचन सिंह, श्री शिव नारायण गौर और मुस्कान अहिरवार शामिल रहे। संदीप पाठक ने सुचना प्रोद्योगिकी  के इस दौर में और खासकर  कोविद के दौरान डिजिटल टेक्नोलॉजी के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री गुरबचन सिंह ने लाइब्रेरी के महत्व और पुस्तकालयों को ग्रामीण क्षेत्रों तक कैसे पहुँचाया जाये इस पर अपने विचार साझा किये। एकलव्य फाउंडेशन के श्री शिव नारायण गौर ने बताया के कैसे उन्होंने एकलव्य फाउंडेशन के माध्यम से पुस्तकालयों को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाया है। इस सेशन के अंत में मुस्कान अहिरवार ने बताया कि  कैसे किताबी मस्ती के माध्यम से किताबों को और किताबें पढ़ने की कला को एक लाइब्रेरी के माध्यम से उन बच्चों तक पहुँचाया जिनके लिए लाइब्रेरी तक पहुंचना संभव नहीं था।

    तीनो सेशन के अंत में कलेक्टर भोपाल श्री अविनाश लवानिया  ने पुस्तकालयों के महत्व पर अपने विचार साझा किये और कैसे किताबों के माध्यम से हम अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं इस पर अपने विचार प्रकट किये। नॉलेज फेस्ट में कार्यक्रमों का संचालन श्री संजोय कुमार द्वारा किया गया

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