दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 अंतर्गत दिव्यांगता के प्रकार और पहचान के लक्षण पर आज जिला पंचायत के सभागार में कार्यशाला सम्पन्न हुई। इस अवसर पर सामाजिक न्याय के आयुक्त श्री संदीप रजक, सहित संभाग भोपाल एवं नर्मदापुरम के जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों को शारीरिक विकलांगता के लक्षणों की पहचान तथा दिव्यांगजनों के दिये गये अधिकारों के महत्व को समझाया गया। प्रदेश सरकार की योजनाओं से दिव्यांजनों को मिलने वाली सहायताओं के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।
आयुक्त सामाजिक न्याय श्री रजक ने उपस्थित अधिकारियों को बताया कि हमारा दायित्व है कि हम समय-सीमा में दिव्यांजनों को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराये साथ ही उनकी वाजिब समस्या का निदान करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की कई योजनाओं से दिव्यांजनों के बेहतर भविष्य को संवारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना, समग सामाजिक सुरक्षा पेंशन, इंद्रिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, मुख्यमंत्री नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना सहित कई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से दिव्यांगजनों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करायें।
कार्यशाला में डॉ. गणेश जोशी अस्सिटेंट प्रोफेसर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुये कहा कि दिव्यांगजनों को प्रमाण पत्र/यूडीआईडी कार्ड की उपयोगिता एवं उन्हें जारी किये जाने की प्रक्रिया दृष्टि एवं श्रवण दिव्यांगजनों का आंकलन, आंशिक बौद्धिक दिव्यांगत स्पेसिफिक लंर्निंग डिसेबिलिटी और मेंटल इंलेस के बारे में उपस्थितजनों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है। इसे प्राथमिकता से किया जाना चाहिये।
कार्यशाला में दिव्यांगजनों के कौशल विकास और नियोजन तथा सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और उनके पुनर्वास, विकास के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
दिव्यांगता के प्रकार, पहचान और लक्षण संबंधी संभागस्तरीय कार्यशाला सम्पन्न
Saturday, March 14, 2020
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